महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी है. राज्य सरकार में हाउसिंग विभाग के मंत्री प्रकाश मेहता पर नियमों की अनदेखी कर जमीन एक बिल्डर को देना का आरोप है. जिसके कारण विपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर है. अब खबर है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर पार्टी प्रकाश मेहता पर कार्रवाई हो सकती है. प्रकाश मेहता ने कहा है कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं, मुझे सीएम जो भी आदेश देंगे उसका पालन करूंगा. अगर CM कहेंगे तो मंत्रालय छोड़ दूंगा.
सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने बीजेपी महासचिव और महाराष्ट्र बीजेपी की प्रभारी सरोज पांडेय को इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा करने के आदेश दे दिए हैं. पार्टी प्रकाश पर कोई बड़ा फैसला कर सकती है.
आपको बता दें कि मंत्री प्रकाश मेहता पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के ताडदेव इलाके की जमीन नियमों की अनदेखी कर एक बिल्डर को दे दी थी.
इतना ही नहीं मेहता ने अपने आदेश में ये भी लिखा कि सीएम फडणवीस को भी इस फैसले के बारे में अवगत कराया गया था. जो जगह इस बिल्डर को दी गई है वो बेहद प्राईम लोकेशन है. विपक्ष का आरोप है कि प्रकाश मेहता के इस फैसले से बिल्डर को कम से कम 500 करोड़ का फायदा होगा और इसके ऐवज में बिल्डर से मंत्री प्रकाश मेहता को करोड़ों रुपए मिले हैं.
विपक्ष के आरोपों पर सदन में जवाब देते हुए सीएम फडणवीस ने बताया कि उन्हें इस जमीन आवंटन की कोई जानकारी नहीं दी थी और मंत्री प्रकाश मेहता के फैसले को रद्द कर दिया गया है. इतना ही नहीं इस पूरे मामले की जांच के आदेश भी सीएम फडणवीस ने दे दिए हैं.
सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने बीजेपी महासचिव और महाराष्ट्र बीजेपी की प्रभारी सरोज पांडेय को इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा करने के आदेश दे दिए हैं. पार्टी प्रकाश पर कोई बड़ा फैसला कर सकती है.
आपको बता दें कि मंत्री प्रकाश मेहता पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के ताडदेव इलाके की जमीन नियमों की अनदेखी कर एक बिल्डर को दे दी थी.
इतना ही नहीं मेहता ने अपने आदेश में ये भी लिखा कि सीएम फडणवीस को भी इस फैसले के बारे में अवगत कराया गया था. जो जगह इस बिल्डर को दी गई है वो बेहद प्राईम लोकेशन है. विपक्ष का आरोप है कि प्रकाश मेहता के इस फैसले से बिल्डर को कम से कम 500 करोड़ का फायदा होगा और इसके ऐवज में बिल्डर से मंत्री प्रकाश मेहता को करोड़ों रुपए मिले हैं.
विपक्ष के आरोपों पर सदन में जवाब देते हुए सीएम फडणवीस ने बताया कि उन्हें इस जमीन आवंटन की कोई जानकारी नहीं दी थी और मंत्री प्रकाश मेहता के फैसले को रद्द कर दिया गया है. इतना ही नहीं इस पूरे मामले की जांच के आदेश भी सीएम फडणवीस ने दे दिए हैं.
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